मधुबनी13 घंटे पहले
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किशोर के हाथों में हथकड़ी देखते ही न्यायाधीश ने पुलिस को जमकर फटकार लगाई। शनिवार को उत्पाद मामलों में पुलिस ने किशोर को हथकड़ी लगाकर पेश किया। इस पर विशेष न्यायाधीश एडीजे पांडेय ऋषिकांत सिन्हा ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। जेल भेजने की पुलिस की अर्जी को ठुकराते हुए न्यायाधीश ने किशोर को पर्यवेक्षण गृह भेजने का आदेश दिया।
शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप में सदर अनुमंडल क्षेत्र से पुलिस ने एक किशोर को गिरफ्तार किया था और शनिवार की शाम में कोर्ट पहुंची। एक अन्य अधेड़ अभियुक्त के साथ किशोर को हथकड़ी में देख न्यायाधीश हैरान रह गए। देखने से ही वह प्रथम दृष्टया जुवेनाइल प्रतीत होता था। जबकि पुलिस ने उसकी उम्र 18 बताते हुए जेल भेजने की सिफारिश की। कोर्ट ने पुलिस को किशोर न्याय अधिनियम 2015 और जुवेनाइल जस्टिस मॉडल रूल्स 2016 के प्रावधानों का पालन करने की नसीहत दी। जुवेनाइल मामलों के सरकारी वकील कमलेश चतुर्वेदी ने कहा कि बालक के विरुद्ध अपराध का यह मामला गंभीर है।
प्रथम दृष्टया किशोर प्रतीत होने पर पुलिस को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। संदेह होने पर शैक्षणिक प्रमाण पत्र अथवा जन्म प्रमाण पत्र के बारे में परिजनों से जानकारी लेनी चाहिए। किशोर को लॉकअप में रखना अथवा हथकड़ी लगाना जुर्म है।
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