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- Bihar Jamui Assembly Elections 2020; RLSP Ajay Pratap Contest Against Vs Shreyasi Singh Vs Vijay Prakash
पटना33 मिनट पहले
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जमुई विधानसभा क्षेत्र में साल 1967 से 2015 तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में 9 बार राजपूत उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
- जमुई से पूर्व विधायक अजय प्रताप ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का दामन थाम लिया है
- अजय की वजह से ही त्रिकोणीय हो गया है श्रेयसी सिंह और विजय प्रकाश का मुकाबला
बिहार चुनाव में कई विधानसभा सीटें अपने उम्मीदवारों की वजह से महत्वपूर्ण हो गयी हैं। यहां होने वाले चुनावी मुकाबलों पर सबकी नजर रहेगी। इन्हीं में से एक सीट जमुई भी है। एनडीए से अलग होकर बिहार में चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले लोजपा प्रमुख चिराग पासवान इस लोकसभा सीट से सांसद हैं। अब उनकी नाक के नीचे जमुई में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार नजर आने लगे हैं। इस विधानसभा सीट से राजद के निवर्तमान विधायक विजय प्रकाश उम्मीदवार हैं तो भाजपा की ओर से श्रेयसी सिंह के उतरने की चर्चा तेज है। इस मुकाबले को अब पूर्व विधायक अजय प्रताप ने रोचक बना दिया है। उनकी वजह से ही इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना बढ़ गयी है।
रालोसपा से अजय प्रताप की उम्मीदवारी तय
जमुई विधानसभा सीट से पूर्व में विधायक रहे अजय प्रताप ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का दामन थाम लिया है। अजय प्रताप इस सीट से जदयू के टिकट पर 2010 के विधानसभा चुनाव में जीते थे। वे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र हैं। नरेंद्र सिंह इलाके के पुराने और बड़े नेता हैं और जमुई सीट पर राजपूत वोटरों का बड़ा प्रभाव है। पिछले पांच विधानसभा चुनावों में यह सीट 3 बार नरेंद्र सिंह के परिवार के कब्जे में रही है। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी अजय प्रताप भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े थे लेकिन तब उन्हें राजद के विजय प्रकाश के हाथों हार मिली थी।

जमुई में श्रेयसी सिंह के उतरने की चर्चा तेज है।
श्रेयसी सिंह की भी भाजपा से उम्मीदवारी पक्की
श्रेयसी सिंह बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे स्व। दिग्विजय सिंह की बेटी हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटर भी रही हैं। उनकी मां पुतुल सिंह भी बांका से सांसद रही हैं। हालांकि भाजपा में शामिल होने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में वे हार गई थीं। इसके बाद 2019 में भी उन्होंने भाजपा से टिकट लेने की कोशिश की और असफल रहने पर निर्दलीय मैदान में उतर गयी थीं। इसके बाद ही पार्टी से बेदखल हुईं और अब पांच सालों के बाद बेटी सहित वापसी की है।

राजद ने जमुई से सिटिंग विधायक विजय प्रकाश पर भरोसा जताया है।
विजय प्रकाश पर राजद ने जताया भरोसा
महागठबंधन की ओर से जमुई सीट पर राजद ने अपना कब्ज़ा बरकरार रखा है। राजद ने अपने सिटिंग विधायक विजय प्रकाश पर भरोसा जताया है। विजय प्रकाश के भाई जय प्रकाश नारायण यादव हैं जो पूर्व सांसद और केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। दोनों ही राजद के बड़े नेता माने जाते हैं। विजय प्रकाश ने पिछले विधानसभा चुनाव में अजय प्रताप को करीब 8 हजार वोटों से हराया था। इससे पहले उन्होंने फ़रवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की थी।

2000 के विधानसभा चुनावों के बाद जमुई सीट पर नरेंद्र सिंह परिवार का प्रभाव रहा है।
राजपूत वोटरों का रहेगा प्रभाव
जमुई विधानसभा क्षेत्र में करीब 3 लाख मतदाता हैं। इस सीट पर राजपूत वोटरों का बड़ा प्रभाव रहा है। साल 1967 से 2015 तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में 9 बार राजपूत उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। 2000 के विधानसभा चुनावों के बाद इस सीट पर नरेंद्र सिंह परिवार का प्रभाव रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि अगर श्रेयसी सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ती हैं तो यहां राजपूत वोटों का बिखराव होगा। यह बिखराव किसके लिए फायदेमंद होगा, यह तो चुनाव के नतीजों से ही पता चलेगा।
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