भागलपुर2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

गांधी और स्त्री फिल्म के प्रोमो पर बापू की भूमिका निभाने वाले अभिनेता एनके जानी, निर्देशक रितेश रंजन, सुनील जैन व अन्य।
- बापू और स्त्री फिल्म को दिल्ली में फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने का मिला आमंत्रण
गांधी जी जेवर को बेड़ी मानते थे। कहते थे…बेड़ियां सोने की हो या फिर लोहे की…कैद करने के ही काम आती है। महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया। इस मामले में उनकी सोच क्रांतिकारी रही है। एक पत्रकार ने बापू से पूछा था…विधवा की शादी किस उम्र तक हो सकती है…बापू का जवाब था…जब तक विधुर की हो सकती है। ये बातें शुक्रवार को डॉ. सुजाता चौधरी ने कहीं। रासबिहारी फिल्म के बैनर तले बनी फिल्म बापू और स्त्री के प्रोमो लांच के मौके पर वे गांधी जी के विचार रख रही थीं। उन्होंने कहा, फिल्म को दिल्ली में हाेने वाले फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने का आमंत्रण भी मिला है।
श्री रासबिहारी मिशन के कार्यालय में हुए इस प्रोमो में निर्माता-लेखक डॉ. सुजाता चौधरी ने कहा, जिस तरह आज महिलाओं के साथ हिंसा हाे रही है। ऐसे में गांधी जी के महिलाओं के प्रति दृष्टिकाेण समझना बहुत जरूरी हैं। बापू ने महिलाओं काे बराबरी का हक दिलाने के लिए संघर्ष किया है। महिलाओं के साथ भेदभाव के खिलाफ लड़ते हुए बापू ने कई कड़वे घूंप पिए। गाली खाई। गाेली खाई, लेकिन रुके नहीं। मौके पर शिक्षाविद् राजीवकांत मिश्रा ने कहा, गांधी जी की साेच की तासीर हम सभी काे है। इस दौरान बापू की भूमिका निभाने वाले अभिनेता एनके जानी, बीसीई के प्राचार्य डाॅ. अचिंत्य, निर्देशक रितेश रंजन, डाॅ. याेगेंद्र, डाॅ. अमरेंद्र भी मौजूद थे। मंच संचालन सुनील जैन ने किया।
Source link