गया8 मिनट पहले
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रविवार को भाजपा रैली में जेपी नड्डा के साथ जदयू के आरसीपी सिंह, हम के जीतन राम अन्य नेता।
- विरोधी कौन? क्योंकि नीतीश ने पैकेज पर सवाल उठाए थे… आज वही राजग का मुख्यमंत्री चेहरा
- 32 मिनट के भाषण में भाजपा अध्यक्ष ने 29 बार मोदी और उनके कार्यों की, 4 बार नीतीश के नेतृत्व व बिहार के विकास की और 13 बार जेपी बाबू को याद किया
भाजपा ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन पर अपने चुनाव प्रचार अभियान का श्रीगणेश किया। बोधगया में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कोरोना काल की पहली एक्चुअल रैली की। करीब 32 मिनट के अपने संबोधन में नड्डा के केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी और उनका रिपोर्ट कार्ड था वहीं निशाने पर थी कांग्रेस।
नड्डा ने 2015 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 1.25 लाख करोड़ के घोषित पैकेज का पूरा रिपोर्ट कार्ड रखा। नड्डा ने कहा जिस सवा लाख करोड़ रुपए के पैकेज का विरोधियों ने मजाक उड़ाया था आज उसी पैकेज से बिहार का विकास हो रहा है। उन्होंने पूरे आंकड़े दिए कि पैसे कहां और किस प्रोजेक्ट पर खर्च किए गए।
उन्होंने मंच से 29 बार पीएम मोदी और उनके विकास कार्यों और 5 बार नीतीश कुमार के अगुवाई की बात की। जबकि लोक नायक जयप्रकाश नारायण को किसी न किसी बहाने 13 बार याद किया। संबोधन में नड्डा ने बुजुर्गों को जेपी आंदोलन की याद दिलाई तो युवाओं को बिहार की मेधा की याद दिलाई।
पहली एक्चुअल रैली… मोदी है तो मुमकिन है, नीतीश के नेतृत्व में बिहार बढ़ेगा
- कांग्रेस पर बोले-कांग्रेस शासन में हालात इतने खराब हो गए कि जयप्रकाश बाबू को संपूर्ण क्रांति के लिए आंदोलन चलाना पड़ा।
- राहुल-प्रियंका का नाम लिए बिना कहा जनधन पर भाई और बहन ने अंगुली उठाई थी उसी 20 करोड़ के खाते में कोरोनाकाल में पैसे गए।
- नड्डा ने कहा-चुनाव यारी-दोस्ती और अपने पराए का नहीं होता है। चुनाव को सिर्फ इलाके के विकास के लिए होता है।
मेरा तो बचपन ही बिहार में बीता है
जेपी नड्डा ने मंच से खुद को बिहार कनेक्ट किया। उन्होंने कहा कि उनका बचपन बिहार में ही बीता है। पढ़ाई यहीं पटना में ही हुई। उन्होंने युवाओं को बिहार की मेधा की याद दिलाते हुए कहा कि देश में आज सबसे अधिक आईएएस और आईपीएस इसी बिहार की मिट्टी ने दिए हैं। कहा-दिल्ली में अधिकतर विभागों में मुखिया बिहार का है। नड्डा ने बताया कि वह कालेज के लिए निकलते थे तो सबसे पहले अरुण कुमार सिंह, नीतिश कुमार, सुशील मोदी और रविशंकर प्रसाद से उनकी मुलाकात होती थी।
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