खगड़िया12 घंटे पहले
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- सेविकाएं चिह्नित कर तैयार करेंगी डेटाबेस
एड्स-कुष्ठ जैसे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगो के बच्चों को परवरिश योजना का लाभ मिलेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं संबंधित पोषक क्षेत्र के ऐसे लोगो की डेटाबेस तैयार करेंगी। बालिग यानी 18 साल तक कि उम्र पूरा करने तक बच्चे को हर माह हजार रुपए की सहायता राशि मिलेगा। बाल विकास विभाग की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वैश्विक महामारी कोविड-19 परिदृश्य में उच्च जोखिम समूहों एवं एचआईवी-एड्स संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों को विभागीय योजनाओं एवं सेवाओं से लाभांवित किए जाने का उच्चस्तरीय निर्णय ली गई है। आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र लिखकर सभी डीपीओ को दिशा-निर्देश दिया है। इस योजना में उन बच्चों को भी शामिल किया जाएगा जो बेसहारा हैं। एचआईवी पॉजिटीव व कुष्ठ रोग से ग्रसित अथवा वैसे माता पिता के बच्चे जो एचआईवी पॉजिटिव या एड्स से पीड़ित है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को 1000 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि प्रदान की जाएगी। डीपीओ नीना सिंह ने बताया कि अनाथ बच्चों को योजना से लाभान्वित कराने के लिए चयन का दायित्व वार्ड स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका को अधिकृत किया गया है।
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