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- Cyber Thugs Who Rent Bank Account Arrested From Jamui, Seized Multiple IDs, Mobiles, SIMs And ATM Cards Of Same Name
भागलपुर5 घंटे पहले
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बरामद आईडी, एटीएम कार्ड, सिम और मोबाइल।
- गैंग में युवतियां भी शामिल, झांसे में ले चुराती हैं गोपनीय जानकारी
- विशाल के नाम खोले गए बैंक खाते में ट्रांसफर हुई थी ठगी की रकम
तातारपुर पुलिस ने एक साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में जमुई में छापेमारी कर पुलिस ने विशाल सिंह नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है। जमुई के अलग-अलग बैंकों में अपने नाम से खाता खोलकर विशाल उसे साइबर ठगों को किराए पर देता था। इस एवज में विशाल को ठगी की राशि में हिस्सा मिलता था। गिरफ्तार विशाल जमुई के नया टोला बिहारी गांव का रहने वाला है।
पुलिस ने युवक के पास से एक ही नाम के कई आईडी, मोबाइल, सिम और विभिन्न बैंकों के एटीएम बरामद किया है। विशाल और उसके सहयोगी ने क्रेडिट कार्ड बंद कराने का झांसा देकर सुल्तानगंज के महेशी गांव निवासी मनीष कुमार चौधरी के खाते से 41 हजार 876 रुपए उड़ा लिये थे। इस संबंध में मनीष ने जुलाई माह में तातारपुर थाने में अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
ठगी के बाद एसएसपी ने साइबर सेल और तातारपुर पुलिस की एक ज्वाइंट टीम बनाई थी, जो इस मामले की जांच कर रही थी। जमुई के अलग-अलग बैंकों में विशाल के नाम से खोले गए खाते में ठगी की राशि ट्रांसफर हुई थी। इस कारण पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर केस में अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया है। साइबर ठगी से जुड़े केस की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर बनाई गई टीम में साइबर सेल प्रभारी मिथिलेश कुमार, तातारपुर थाने के दारोगा सह आईओ अजय कुमार मिश्रा, साइबर सेल के कर्मी प्रशांत कुमार, अमरजीत कुमार, मिथलेश आदि शामिल थे।
ठगी की राशि निकालने से पहले ही दो बैंक खातों को कराया गया था फ्रीज
एसएसपी आशीष भारती ने प्रेसवार्ता में बताया कि मनीष चौधरी के खाते से अवैध निकासी की राशि कोटक महेंद्रा बैंक के एक खाते में ट्रांसफर किया गया था। केस दर्ज होने के बाद पुलिस टीम ने तत्काल उक्त खाते को फ्रीज करवाया और बैंक अधिकारियों से बात कर ठगी की राशि को वापस करने की कार्रवाई शुरू की। साइबर अपराधियों के आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक के खाते में ठगी की राशि 17 हजार रुपए ट्रांसफर किया गया था, उसे भी पुलिस ने तत्काल फ्रीज करवा दिया। जांच में पता चला कि साइबर ठगों का एक बैंक एकाउंट विशाल शर्मा के नाम से है। पुलिस जांच में बैंक पहुंची, तो वहां से खाता धारक विशाल शर्मा का सारा डिटेल्स मिल गया। इसके बाद पुलिस उसे घर से गिरफ्तार की। आरोपी के घर की तलाशी में उक्त सारा सामान मिला, जिसके जरिए ठगी की जाती थी।
अभिषेक सिंह राठौर है गैंग का सरगना
विशाल ने पूछताछ में अपने और साथियों की ठगी में संलिप्तता का खुलासा किया है। उसने बताया कि जमुई के मसौढ़ीचक निवासी अभिषेक सिंह राठौर उसका दोस्त है और उसने ही तीन अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए थे। साथ ही कहा था कि उसका पैसा उक्त खाते में आने वाला है। पुलिस अभिषेक की तलाश कर रही है। जांच में यह भी पता चला कि अभिषेक की गैंग में युवतियां भी हैं, जो लोगों को फोन कर झांसे में लेती हैं और उनसे सारी गोपनीय जानकारी प्राप्त कर अभिषेक तक पहुंचाती हैं। खाते में पैसे मंगवाने के एवज में अभिषेक ने ठगी के पैसे में कुछ हिस्सा विशाल को देने की बात कही थी। विशाल पहले गुजरात में रहता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण गांव आ गया और बैंक खातों को साइबर ठगों किराए पर देने लगा। अभिषेक राठौर बस स्टैंड का ठेका भी लेता है।
ऐसे हुई थी लाल कोठी के मनीष चौधरी से ठगी
लाल कोठी में किराए पर रहने वाले मनीष कुमार चौधरी से महिला ठग ने क्रेडिट कार्ड बंद कराने का झांसा देकर 41 हजार 876 रुपए ठग लिया था। मनीष को चंपानगर, एसबीआई (नरगा बाजार) से क्रेडिट कार्ड आवंटित हुआ था। कार्ड मिलने के बाद उसे बंद कराने के लिए मनीष कई बार बैंक गया, लेकिन बैंक में कुछ न कुछ कारण बता कर हर बार उसे टरका दिया जाता था। इस कारण मनीष ने कार्ड का पिन भी जेनरेट नहीं किया था। 3 जुलाई की शाम मनीष के मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाली महिला ने अपना परिचय क्रेडिट कार्ड ऑफिस के कर्मी के रूप में दिया और कार्ड बंद कराने के बारे में पूछा। मनीष को लगा कि फोन बैंक से आया है। क्योंकि वह कार्ड बंद कराने को लेकर परेशान था। इस कारण मनीष ने महिला द्वारा पूछे गए कार्ड का 16 अंकों का नंबर, एक्सपायरी डेट समेत अन्य सारी गोपनीय जानकारी बता दिया था।
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