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- LJP Said 7 Will Definitely Face Corruption, If Government Is Formed, It Will Be Investigated; Big Question Nitish Is The NDA’s CM Candidate, So How To Investigate?
पटना25 मिनट पहले
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सूत्रों के मुताबिक आखिर में लोजपा ने 36 सीटों की मांग रखी। और कहा है कि 30 सीटों पर भी वह मानने को तैयार है, लेकिन वे सभी उसकी पसंदीदा सीटें होनी चाहिए।
- नीतीश पर सबसे बड़ा राजनीतिक हमला, क्योंकि- नीतीश ने गठबंधन बदला तो भी घोषणापत्र 7 निश्चय ही रहा
- जदयू और भाजपा में भी तनातनी, क्योंकि- चिराग को लेकर जदयू और सीटिंग सीटें मांगने से भाजपा खफा
पटना| लोजपा और जदयू में तल्खी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को लोजपा ने जदयू पर अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक हमला बोला। लोजपा ने दावा किया सात निश्चय भ्रष्टाचार का अड्डा है और हम सरकार में आए तो जांच कराएंगे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। लोजपा प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा लोजपा सात निश्चय को नहीं मानती। सरकार बनने पर जांच कराई जाएगी। जांच ही नहीं बल्कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी होगी। सात निश्चय के सारे कार्य अधूरे हैं। किसी गांव में देख लें, इसकी हकीकत सामने आ जाएगी। कई कामों का तो भुगतान भी नहीं हुआ है।
अंसारी ने कहा कि हम बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट पर काम कर रहे हैं और इसी से जुड़े विजन डॉक्यूमेंट को अगली सरकार लागू करेगी। इस योजना से बिहार का विकास नहीं हो सकता। इस योजना से गांवों की सूरत तो नहीं बदली लेकिन सफेदपोशों को अवश्य लाभ हो गया। विकास की राशि भ्रष्ट लोगों के पॉकेट में चली गयी।
लोजपा का जवाब… ये समय बताएगा, जांच ही नहीं दोषियों को सजा भी दिलवाएंगे
- लोजपा ने 3 अक्टूबर को केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक बुलायी है। इसमें सहयोगी दलों से तालमेल और सीटों के ऑफर पर विचार होगा। पार्टी ने प्रदेश के सारे वरीय नेताओं और कोर कमेटी के सदस्यों को पटना में रहने को कहा है।
- 143 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है। हालांकि भाजपा ने उसे 27 विधानसभा सीटों का प्रस्ताव दिया है।।
- सूत्रों के मुताबिक आखिर में लोजपा ने 36 सीटों की मांग रखी। और कहा है कि 30 सीटों पर भी वह मानने को तैयार है, लेकिन वे सभी उसकी पसंदीदा सीटें होनी चाहिए।
भाजपा भी तल्ख …जदयू से अभी सहमति नहीं, संख्या व सीटें दोनों पर पेंच
लोजपा की पेंच या लंगड़ी के चलते एनडीए की सीट शेयरिंग शुक्रवार को भी उस स्थिति में नहीं पहुंची, जिसे खासकर भाजपा या जदयू के नेता आधिकारिक जुबान दे सकें। दोनों पक्षों ने बेशक एनडीए को एकजुट बता ‘ऑल इज वेल’ की बात कही। मगर दोनों तरफ से कवायद भी इसी बात की रही कि कैसे अपने लिए ज्यादा सीटें हासिल की जाएं?
इस क्रम में दावा-प्रतिदावा और बारगेनिंग का स्वाभाविक दौर रहा। हालांकि इसे लेकर हुई बैठक बेहद तल्खी से खत्म हुई। बहरहाल, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस व बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से फिर बात कर जदयू की सीटों की डिमांड लेकर दिल्ली गए।
देर शाम अमित शाह से इन नेताओं ने मुलाकात की। जदयू अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनों से चर्चा में लगातार मशगूल रहे। कई विधायकों से मिले। जदयू ने अपने ज्यादातर सिटिंग एमएलए को हरी झंडी दे दी है। जदयू और भाजपा की बातचीत में सीटों की संख्या के फार्मूले को लोजपा के फैसले तक टाला गया।
जदयू की दो टूक… लोजपा भाजपा का मसला इसके बाद ही बाकी बात
- नीतीश कुमार वशिष्ठ नारायण सिंह, डॉ.अशोक चौधरी, आरसीपी सिंह, ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी, संजय कुमार झा आदि से लगातार बात करते रहे। कई विधायक भी नीतीश कुमार से मिले।
- जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि 7 निश्चय पर आरोप लगाना गठबंधन धर्म के प्रतिकूल आचरण है। पारदर्शिता और गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल खड़ा ही नहीं किया जा सकता।
- 7 निश्चय तो उनकी वह महत्वाकांक्षी और बहुआयामी योजना है, जिसने खासकर गांवों की तस्वीर बदल दी है, बदल रही है।
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