पटना8 मिनट पहलेलेखक: अमित जायसवाल
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- नितिन नवीन के साथ ही प्रशांत किशोर को भी मिली जमानत
- कांग्रेस के शाश्वत गौतम ने किया था प्रशांत किशोर पर धोखाधड़ी और जालसाजी का केस
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा विधायक नितिन नवीन ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था। इस मामले में पिछले 6 सालों में कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब विधानसभा चुनाव का वक्त आया तो उन्होंने खुद को कोर्ट में सरेंडर किया और उन्हें जमानत भी मिल गई। मंगलवार का दिन विधायक नितिन नवीन के लिए काफी राहत देने वाला रहा। अब वो फ्री होकर बांकीपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे।
आचार संहिता के उल्लंघन का यह मामला सचिवालय थाना का है। पुलिस ने उसी वक्त विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में पुलिस ने 16 सितंबर 2014 को ही कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दिया था। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रिचा रंजन की कोर्ट में विधायक को आज सरेंडर करना पड़ा। साथ ही वकील रत्नेश कुमार पांडेय ने नितिन नवीन का पक्ष रखा और जमानतीय धारा होने के कारण जमानत देने की मांग की। इसके बाद ही कोर्ट ने 10 हजार के निजी मुचलके पर उन्हें छोड़ दिया गया।
प्रशांत किशोर को भी धोखाधड़ी और जालसाजी केस में राहत
दूसरी तरफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर चल रहा था। इस मामले में उनकी भी परेशानी बढ़ सकती थी। उनके उपर इसी साल 20 फरवरी को पटना के पाटलिपुत्रा थाना में एक एफआईआर कांग्रेस के शाश्वत गौतम ने दर्ज कराई थी। करीब 7 महीने बाद इस मामले में कोर्ट ने प्रशांत किशोर को राहत दी, उन्हें जमानत भी दे दी। साथ ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रशांत किशोर के उपर धोखाधड़ी के लगाए गए आरोप गलत हैं।
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