Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पटना20 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
- सोमवार को 1 से 5 तक के स्कूलों में 11 माह बाद लौटेगी रौनक, 14 मार्च को कोरोना के संक्रमण के कारण बंद किए गए थे स्कूल
- प्रदेश में 10619670 बच्चे हैं सरकारी स्कूलों में रजिस्टर्ड
352 दिन बाद सोमवार को कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों में फिर रौनक लौटेगी। कोरोना काल में 14 मार्च से स्कूलों को बंद किया गया था। हालांकि सरकारी तैयारी पूरी तरह से अधूरी है। स्कूलों को अभी तक मास्क नहीं भेजे गए हैं। कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है लेकिन सरकार के आदेश का ही पालन नहीं हो रहा है। रविवार तक किसी भी स्कूल में मास्क नहीं पहुंचा है जिससे कोरोना के सेकेंड फेज के खतरे के बीच बच्चों की क्लास चलेगी।
दो करोड़ मास्क की करनी थी व्यवस्था
कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लेने के साथ ही मास्क को लेकर आदेश जारी किया गया था। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने आदेश दिया था कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में जीविका की तरफ से मास्क भेजा जाए। हर छात्र को दो-दो वॉशेबल मास्क देना था। प्रदेश में कक्षा एक से 5 तक के छात्राें की संख्या 10619670 है और ऐसे में बच्चों के लिए कुल 21239340 मास्क की व्यवस्था करनी थी। सोमवार से स्कूल खुल रहे हैं लेकिन रविवार की शाम तक मास्क नहीं पहुंचा है।
कोरोना के दूसरे वेब को लेकर रहें सावधान
कोरोना के दूसरे वेब को लेकर पूरे देश में दहशत है। मुम्बई में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में कोरोना की गाइडलाइन का पालन पूरी तरह से किया जाना चाहिए। मामला मासूम बच्चों की सुरक्षा को लेकर है। इसके बाद भी स्कूलों में मास्क को लेकर कोई तैयारी नहीं है। अभिभावकों को इसे लेकर गंभीर होना होगा जिससे बच्चों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा सके। बच्चों को स्कूल के भरोसे नहीं छोड़े घर से ही मास्क लगाकर भेजें स्कूल।
पुरानी गाइडलाइन पर खुल रहे स्कूल
1 से 5 तक के स्कूलों को खोलने को लेकर भी वही गाइडलाइन जारी की गई है जो पूर्व में क्लास 9 से उपर और 8 से 9 तक की क्लास को लेकर दिया गया था। पुरानी गाइडलाइन का भी सरकारी स्कूलों में पालन नहीं हो पाया था। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था को लेकर आदेश है लेकिन स्कूलों में इसका इंतजाम नहीं हो पाया है। बच्चों को दिए जाने वाले मास्क से लेकर सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था नहीं हो पाई है।
19 फरवरी से अब तक नहीं हो पाई व्यवस्था
19 फरवरी को कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया था। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक 1 से 5 तक के स्कूलों को खोलने का निणर्य लेने के साथ ही गाइडलाइन जारी की गई लेकिन स्कूल खोलने के 24 घंटे पहले तक कोराेना से बचाव को लेकर कोई विशेष तैयारी नहीं हो पाई। शिक्षा विभाग ने आदेश दिया था कि सरकारी स्कूल के बच्चों को दो-दो मास्क दिए जाएंगे। विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने ग्रामीण विकास विभाग को इस संबंध में पत्र दिया था।
28 फरवरी तक पहुंचना था मास्क
ग्रामीण विकास विभाग को लिखे पत्र में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा था कि सभी जिलों में मास्क 28 फरवरी तक उपलब्ध करा दिए जाएं ताकि एक मार्च को सभी बच्चों को मास्क दिए जा सकें। कई सरकारी स्कूलों से बात की गई लेकिन कहीं भी मास्क पहुंचने की कोई जानकारी नहीं है। कई स्कूलों ने तो खुद से खरीद कर ली है।
स्कूलाें में नहीं है डिस्टेंस कैसे पालन होगा नियम
स्कूल खोलने को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है उसके अनुसार बच्चों को स्कूलों में 6 फिट की दूरी बनाकर रहना है। लेकिन सवाल यह है कि जब स्कूलाें में जगह ही नहीं है तो कैसे वह दूरी बनाकर रहेंगे। आदेश है कि सभी बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 6-6 फीट की दूरी पर बैठना होगा और एक दिन में 50 प्रतिशत बच्चों की ही उपस्थिति की व्यवस्था करनी होगी। एक दिन 50 प्रतिशत बच्चे और दूसरे दिन बाकी के 50 प्रतिशत बच्चे स्कूल आएंगे।
स्कूल खोलने के 15 दिन बाद होगी बैठक
स्कूल खुलने के 15 दिनों बाद आपदा प्रबंधन समूह की बैठक होगी और राज्य भर के स्कूलों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई जाएगी। उसके बाद आगे स्कूल संचालन पर फैसला लिया जाएगा। इस दैरान सभी जिलों को सचेत तथा सतर्क रहने और लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।
Source link